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अमेरा कोल परियोजना के विस्तार कार्य में किसानों के धान को नुकसान पहुंचाए जाने के बाद किसान रात दिन पहरा देने को मजबूर

राजेश प्रसाद गुप्ताअंबिकापुर – अमेरा कोल परियोजना के विस्तार कार्य को लेकर के काफी समय से लोग एवं संबंधित कोल कंपनी आपस में संघर्षरत हैंअभी हाल में ही विस्तार कार्य को लेकर खड़ी फसल पर हाइड्रा मशीन लगाकर खुदाई प्रारंभ की गई थी जिसको देखते हुए ग्रामीणों ने काफी विरोध किया एवं सुरक्षा कर्मी तथा संबंधित कोल कंपनी के कर्मचारियों के बीच तनातनी की स्थिति बनी हुई थी अभी मामला शांत है लेकिन इस मामले को लेकर के कैबिनेट मंत्री तक का सफर ग्रामीणों ने किया आश्वासन भी मिला लेकिन अब ग्रामीणों को उसका तक भरोसा नहीं है अपनी खेत की रखवाली के लिए अब ग्रामीण दिन-रात उसी जगह पर बैठकर अपने खेत की रखवाली करने को मजबूर है

मैंने सुना था कि फसल को नुकसान जब मवेशी सहित अन्य जानवर फसलों को भारी नुकसान करते हैं तो ग्रामीण तरह-तरह के पैंतरा अपना कर उसकी सुरक्षा करने का प्रयास करते हैं वही जब मवेशी ज्यादा परेशान करते हैं तो पहरा देते हैं ताकि उसकी फसल नुकसान ना हो लेकिन यहां के किसानों के फसल को मवेशी एवं अन्य जीव जंतु नुकसान नहीं पहुंचा रहे हैं यहां कोल खनन विस्तार किए जाने हेतु खड़ी फसल को ही कंपनी के द्वारा सीधे नुकसान पहुंचाया जा रहा हैइन नुकसानों को देखते हुए प्रभावित लोग कई नेता मंत्री अधिकारी से लेकर के कैबिनेट मंत्री तक के पास गए पर ठोस पहल नहीं होने के कारण अपना खेत की रखवाली अब लोग बारी-बारी से दिन-रात करने को मजबूर हैं ।

गर्भ में है धान, उसको नुकसान पहुंचाना कहां तक है सही

प्रभावित जगह जब मीडियाकर्मी के द्वारा जायजा लिया गया तो पाया कि जिस जगह पर खुदाई किया जा रहा था उसे परिक्षेत्र के करीब आधा एकड़ अलग-अलग जगह मिलाकर के भूमि में लगे फसल को नुकसान पहुंचाया गया है फसल धान का है जहां धन वर्तमान में गर्भ में है और मानवता की बात की जाए तो गर्भ में पड़े धान पर कभी भी नुकसान नहीं पहुंचाया जाता है लेकिन स्थिति देखकर ऐसा लगा कि यहां मानवता ही मर चुकी है हालांकि आगे यह देखना होगा कि अमेरा कोल परियोजना का विस्तार ग्रामीणों के विरोध के बाद भी आगे चलता रहता है या अपने हक के लिए लड़ रहे ग्रामीणों की जीत होती है या तो आने वाला समय ही बताएगा।

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