राजेश प्रसाद गुप्ताअंबिकापुर – शिक्षा स्तर में सुधार किए जाने हेतु राज्य एवं केंद्र सरकार के द्वारा कई योजनाएं संचालित की जा रही है तो वहीं कई ऐसे निजी स्कूल कदम पर कदम चला कर शिक्षा स्तर में सुधार किए जाने हेतु काफी योगदान दे रहे हैं लेकिन लखनपुर क्षेत्र के कई ऐसे स्कूल हैं जहां पास शिक्षा के अधिकार अधिनियमों का खुला धज्जियां उड़ाई जा रही है लेकिन इसके देखरेख करने वाले संबंधित जिम्मेदार अधिकारी की लापरवाह एवं मौन है जिससे निजी स्कूल के संचालक अपने व्यवस्था पर सुधार किए जाने हेतु ध्यान नहीं दे पा रहे हैं
कई निजी स्कूलों में शौचालय तक का भी व्यवस्था नहीं
लखनपुर के सीमावर्ती क्षेत्र ग्राम पंचायत पुटा में स्थित एक निजी स्कूल जहां बच्चों के लिए शौचालय का नमूना मात्रा बनाकर रख दिया गया हैऐसे ही लखनपुर क्षेत्र के कई ऐसे निजी स्कूल हैं जहां पास कई मूलभूत सुविधाओं का अभाव है
खेल का मैदान होना अनिवार्य पर नहीं है खेल मैदान
बच्चों के मानसिक शिक्षा एवं मानसिक शिक्षा स्तर में सुधार किए जाने के साथ ही शारीरिक शिक्षा पर भी सुधार किए जाने हेतु शिक्षा के अधिकार अधिनियम में विशेष प्रावधान है जिसके तहत खेल मैदान सहित अन्य गतिविधियां स्कूल प्रबंधन के द्वारा कराया जाना चाहिए हालांकि कई शासकीय स्कूल में भी स्वयं का खेल मैदान नहीं है ऐसे ही कई निजी स्कूलों के खुद के खेल मैदान तक नहीं है
बड़ी बात यह है कि मान्यता लेने से पूर्व संबंधित निजी स्कूल का निरीक्षण कर हर रिपोर्ट प्रस्तुत की जाती है कि क्या वे शिक्षा के अधिकार अधिनियमों के सभी नियमों का पालन कर पा रहे हैं या नहीं लेकिन यहां तो कई ऐसे निजी स्कूल हैं जहां फीस की बात तो छोड़िए खेल मैदान सहित कई मूलभूत सुविधा उपलब्ध नहीं है इसके बावजूद भी उसको किस आधार पर मान्यता मिल रहा है या तो काफी सोचनीय एवं अधिकारियों की लापरवाही दर्शाता है।