अम्बिकापुर– सात दिवसीय कोया पुनेम गोंडी धर्म दर्शन मूलनिवासी गोंडी गाथा का आयोजन गोंडवाना सेवा सदमार्ग समिति गुमगराकला द्वारा किया गया, जिसमें गोंडी समाज की सांस्कृतिक परंपराओं, रीति-रिवाजों, और धर्म दर्शन पर विस्तृत चर्चा हुई। इस गोंडियन गाथा आयोजन में सर्वप्रथम विशिष्ट अतिथि के तौर पर प्रभु जगत ,प्रदेश अध्यक्ष गोंडवाना गणतंत्र पार्टी, युवा मोर्चा छत्तीसगढ़ ने अपने उद्बोधन में आयोजन के ऐतिहासिक महत्व पर प्रकाश डालते हुए अपने संबोधन में गोंडियन समाज की परंपराओं और धरोहर को बचाए रखने के लिए एकजुट होकर संघर्ष करने की अपील किया। उन्होंने गोंडवाना रत्न दादा हीरा सिंह मरकाम के सपनों को साकार करने के लिए लोगों को प्रेरित किया।
विशिष्ट अतिथि कुलदीप मरकाम, प्रदेश संगठन मंत्री गोंडवाना गणतंत्र पार्टी छत्तीसगढ़ ने कहा, “गोंडी समाज की सांस्कृतिक धरोहर और धर्म दर्शन को बचाना हमारी जिम्मेदारी है। सात दिवसीय इस आयोजन से हमें गोंडी गाथाओं और गोंडी धर्म दर्शन को जन-जन तक पहुँचाने का अवसर मिल रहा है।” यह सब गोंडवाना समग्र विकास क्रांति आंदोलन के महानायक दादा हीरा सिंह मरकाम जी का देन हैं।उन्होंने गोंडवाना क्षेत्र के आदिवासियों को उनके जल, जंगल, जमीन और सांस्कृतिक परंपराओं की रक्षा के लिए संगठित होकर संघर्ष करने की आवश्यकता पर जोर दिया।
गोंडवाना गणतंत्र पार्टी छत्तीसगढ़ के प्रदेश महामंत्री निलेश पाण्डेय ने उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए गोंडवाना रत्न दादा हीरा सिंह मरकाम के राजनैतिक सत्ता प्राप्ति के लिए लोगों को आह्वान किया और आगे उद्बोधन करते हुए कहा “हमारे लिए यह बहुत आवश्यक है कि हम अपनी सांस्कृतिक परंपरा, रीति-रिवाज, और भाषा, धर्म को बचाए रखें और यही से संकल्प लें छत्तीसगढ़ में गोंडवाना सत्ता स्थापित करने के लिए। इस प्रकार के आयोजनों से हमारे समृद्ध इतिहास और संस्कृति की पुनरावृत्ति होती है।”

गोगपा प्रदेश अध्यक्ष इन्जी.संजय कमरो ने सरगुजा जिले सहित छत्तीसगढ़ के प्राचीन किलों, सांस्कृतिक धरोहरों और इतिहास को संरक्षित रखने की जरूरत को महसूस करते हुए सभी उपस्थित लोगों से संघर्ष की भावना को मजबूत करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, “हमें अपनी सांस्कृतिक धरोहर को बचाए रखने के लिए एकजुट होना होगा। तभी हम अपने भविष्य को सुरक्षित कर पाएंगे।”और गोंडवाना राज्य के सपने को साकार कर सकते हैं।
गोगपा राष्ट्रीय महामंत्री डॉ.एल.एस.उदय ने अपने अंदाज में कहा कि सांस्कृतिक कार्यक्रम और इस तरह के धार्मिक आयोजन से गोंडवाना समग्र विकास क्रांति आंदोलन मजबूत होता है। उन्होंने
सात दिवसीय के इस धार्मिक आयोजन के समापन अवसर पर गोंडी समाज की गाथाओं, उनके ऐतिहासिक महत्व, धार्मिक विश्वासों और गोंडी धर्म के महत्व पर प्रकाश डाला गया। साथ ही, गोंडी गाथाओं के माध्यम से दादा शंकर शाह इरपाची के संदेश को भी जन-जन तक पहुंचाने का आह्वान किया। उन्होंने इस आयोजन को गोंडी समाज के युवाओं को अपनी संस्कृति के प्रति जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण कदम बताया।
गोगपा राष्ट्रीय महामंत्री डॉ.एल.एस.उदय ने सरगुजा जिले के अम्बिकापुर विधानसभा क्षेत्र के ग्राम पंचायत गुमगराकला में आयोजित इस कार्यक्रम में स्थानीय लोगों, गोंडी समाज के बुद्धिजीवी और कार्यकर्ताओं बहुत बहुत बधाई एवं धन्यवाद ज्ञापित किया। उन्होंने अंत में मानव समाज की समग्र विकास का चाबी राजनीति को मास्टर चाबी बताया। तभी न केवल गोंडी धर्म दर्शन और संस्कृति को बल मिलेगा, बल्कि गोंडियन समाज के लोगों को अपने इतिहास और परंपराओं पर सम्मान के साथ गर्व करने का अवसर मिलेगा ।
उन्होंने गोंडवाना आंदोलन का निष्कर्ष सार बताते हुए कहा
सात दिवसीय कोया पुनेम गोंडी धर्म दर्शन मूलनिवासी गोंडी गाथा का आयोजन गोंडियन समाज की सांस्कृतिक धरोहर और धर्म दर्शन को संरक्षित करने का एक अहम कदम है। इस कार्यक्रम से न केवल गोंडियन समाज के आदर्शों को पुनर्जीवित किया जा सकता है, बल्कि सभी लोगों को अपने अतीत को समझने और उसके आधार पर भविष्य को बेहतर बनाने के लोगों के लिए प्रेरणादायक गोंडवाना आंदोलन बन सकता है।
इस कार्यक्रम को सफल बनाए जाने हेतु गोंडवाना सेवा सतमार्ग समिति गुमगराकला क्षेत्र के समिति अध्यक्ष सुखराज, सुदामा राम साहू, शैलेंद्र पैकरा लोकनाथ उर्रे कोषाध्यक्ष मुरारी लाल बिहारी सिंह नेताम, सुनील सिंह मरकाम शिव प्रताप सिंह कलावती सिंह सरपंच,मनोज, मीनू अजय नेम बाबूलाल टेकाम अच्छेलाल विजय कामेश्वर सुलेख मरावी आलेख शाह मरावी नोहर नीलकंठ काशीनाथ सुनील देव एवं बाल खंड का विशेष योगदान रहा
सात दिवसीय कोया पुनेम गोंडी धर्म दर्शन मूलनिवासी गोंडी गाथा कार्यक्रम के मुख्य अतिथि दादा तुलेश्वर हीरा सिंह मरकाम जी ने अपने सारगर्भित उद्बोधन में कहा आप सभी गोंडवाना आंदोलन की महत्वपूर्ण कड़ी हैं, उन्होंने गोंडी पुनेमाचार्य दादा शंकर शाह इरपाची के निरंतर योगदान के लिए उनके चरणों सेवा जोहार अर्पित किया। उन्होंने गोंडवाना आंदोलन को जन-जन तक पहुंचाने वाले गोंडवाना रत्न दादा हीरा सिंह मरकाम के चरणों में समर्पित करते हुए दादाजी के कारवां को आगे बढ़ाने के लिए युवाओं को आह्वान किया। उन्होंने गोंडी भाषा को भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने का आवाज उठाया और उन्होंने गोंडवाना राज्य की मांग को पूरा करवाने के लिए निरंतर संघर्ष करने का आह्वान लोगों से किया। उन्होंने जनसमूह को सम्बोधित कहा जब अन्य भाषा बोलने वालों के लिए विशेष राज्य भाषा के आधार पर बनाया, किंतु गोंडी भाषा बोलने वाले लाखों करोड़ों लोगों के लिए गोंडवाना राज्य क्यों नहीं है ?
उन्होंने कहा जिसकी जितनी संख्या,उसको उतनी हिस्सेदारी के तहत आदिवासियों, अनुसूचित जातियों एवं अन्य पिछड़े वर्गों,धार्मिक अल्पसंख्यकों सहित सामान्य वर्गों को आरक्षण मिलना चाहिए। उन्होंने कहा आप सभी यदि गोंडवाना रत्न दादा हीरा सिंह मरकाम के सिद्धांतों को गांठ बांध लिजिए, तो गोंडवाना समग्र विकास क्रांति आंदोलन को सफल बनाने से कोई रोक नहीं सकता। उन्होंने मातृ-शक्तियों के लिए अन्न बचत गोंडवाना बैंक लिए 2100/- देकर शुरूआत किया गया। जिसमें उपस्थित जनसमूह ने भी अन्न बचत गोंडवाना बैंक के लिए सामूहिक रूप से11000/-रूपये का सहयोग दिया गया।
इस अवसर पर मुख्य रूप से उपस्थित रहे
गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री डॉ.एल.एस.उदय, गोगपा राष्ट्रीय प्रचार मंत्री मनोहर ध्रुव,गोगपा के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य गणेश मरपच्ची,भूपनाथ सिंह मरावी,गोगपा प्रदेश अध्यक्ष इन्जी.संजय कमरो, प्रदेश संगठन मंत्री एवं विधायक प्रतिनिधि कुलदीप मरकाम,गोगपा प्रदेश महामंत्री निलेश पाण्डेय,गोगपा युवा मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष प्रभु जगत,गोगपा युवा मोर्चा के प्रदेश महासचिव सोनू रावेन श्याम,गोगपा जिलाध्यक्ष कोरबा विद्वान सिंह मरकाम,गोगपा कोरिया जिलाध्यक्ष राजाराम जांता सहित सरगुजा , सूरजपुर, बलरामपुर जिले के अलावा अन्य पदाधिकारी व कार्यकर्ता गण उपस्थित थे।